कुछ और विचारोत्तेजक लेख
मुझे मालूम नही आपमें से कितने लोगों ने रेडिफ डोट कोम पर यह विश्लेषण पढा है। बेहद विचारोत्तेजक तरीके से और बातों की गहराई में जाकर तथ्यों की पडताल की गई है। लेकिन अगर नही पढा तो तुरंत ही एवं जरूर पढें।
क्या ब्राह्मण हैं आज के दलित
कौन है असली दलित
और लिखने वाले या वाली हैं फ्रान्कोइस गाशियर (न कि कोई सवर्ण भारतीय, जैसा कि हमारे कुछ अज्ञानी मित्र कहते हैं कि पूरा मीडिया सवर्णों से भरा है। भगवान सबको तथ्यों के आरपार न्याय देख सकने की सद्बुद्धि दे और अन्याय को अन्याय कहने का साहस)
क्या ब्राह्मण हैं आज के दलित
कौन है असली दलित
और लिखने वाले या वाली हैं फ्रान्कोइस गाशियर (न कि कोई सवर्ण भारतीय, जैसा कि हमारे कुछ अज्ञानी मित्र कहते हैं कि पूरा मीडिया सवर्णों से भरा है। भगवान सबको तथ्यों के आरपार न्याय देख सकने की सद्बुद्धि दे और अन्याय को अन्याय कहने का साहस)
4 Comments:
यह लेखक कई भारतीयों से अधिक भारतीय हैं। इन के बारे में आप यहाँ पढ़ सकते हैं। कई फ्रेंच नामों की तरह इन के नाम का भी सही उच्चारण कठिन है। First name तो फ़्राँसुआ है, last name का सही नहीं पता लग रहा .. गॉशिए, गॉतिए??
धन्यवाद रमण जी, गलत नाम लिखने के लिये सभी मित्रों से क्षमायाचना, पर इसे ऐसे ही छोडता हूँ, क्योंकि सही उच्चारण क्या है, ये एक पहेली है।
फ्रांसुआ गोतिये के और लेख भी पढे उस लिंक पर. सभी विचारोत्तेजक हैं.एक दूसरा नज़रिया. सहमत हो न हों पर सोचने पर मजबूर करते हुये लेख
धन्यवाद प्रत्यक्षा जी। सचमें अच्छा लिखते हैं ये जनाब।
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