Wednesday, May 17, 2006

दा विन्सी का हल्ला भारत में ही क्यों?

दा विन्सी का हल्ला भारत में ही क्यों?

मेरी समझ से बाहर की बात है कि दा विन्सी कोड के विरोध का इतना हो हल्ला भारत में ही क्यों है? पूरे विस्व का ईसाई समाज जहॉ चुप बैठा है, भारत में गोवा तथा मुम्बई स्थित कुछ ईसाई संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। मजे की बात यह कि कुछ इस्लामिक संगठन ऊनके सुर में सुर मिला रहे हैं। टॉम हैन्क अभिनीत "दा विन्सी कोड" को भारत सरकार ने बैन न करने का फैसला किया है। यह फिल्म डैन ब्राउन द्वारा लिखित इसी नाम के बेस्टसेलिंग उपन्यास पर आधारित है। फिल्म ईसामसीह के जीवन पर आधारित है और यह लियोनोर्डो दा विन्सी द्वारा बनाई गई "लास्ट सपर" (अंतिम भोज) की पेंटिग में उनके द्वारा ईसामसीह के विवाहित होने का गूढ अर्थ छिपे होने की कल्पना के आधार पर आगे बढती है। फिल्म का एक पहलू ईसामसीह की वंशावली आज भी कहीं मौजूद होने की संभावना पर नजर दौडाता है। खैर, ये तो थी फिल्म की बात, पर कोई बतायेगा इसका इनता हो हल्ला भारत में ही क्यों? क्या भारत के अल्पसंख्यक कुछ ज्यादा ही संवेदनशील नही?